धातुकर्म (Metallurgy)-अयस्कोँ से शुद्ध धातु प्राप्त करने की क्रिया को धातुकर्म कहा जाता है अयस्को से शुद्ध धातु की प्राप्ती हेतू कुछ भौतिक (physicaly) और रसायनिक विधियोँ (method) का प्रयोग किया जाता है ।
अयस्क क्या हैँ? What is Ores-
जिन खनिजोँ से किसी धातु को प्रचुर मात्रा मेँ तथा कम खर्चे पर प्राप्त किया जा सके ,उस खनिज को उस धातु का अयस्क कहते हैँ ।उदाहरण- एल्युमिनियम को बाँक्साइट से प्राप्त किया जा सकता है । अत: बाँक्साइट को एल्युमिनियम का अयस्क कहते है ,किसी भी धातु के बहुत से अयस्क हो सकते हैँ ,परन्तु जिससे वह धातु आसानी से कम खर्चे पर प्राप्त किया जा सके वह उस धातु का मुख्य अयस्क कहलाता है ।
बहुत सुन्दर जानकारी के लिए धन्यवाद|
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जवाब देंहटाएंadvt content is not allowed this blog.
अच्छी जानकरी.विज्ञान सम्बन्धी हिंदी ब्लोगों की आवश्यकता है.
जवाब देंहटाएंसराहनीय कदम.
अच्छी शुरुआत।
जवाब देंहटाएंशोभनम्।
स्वागत है आपका
आइये हिन्दी
एवं हिन्दी ब्लॉग जगत् को सुशोभित कीजिये
इसे समृद्ध बनाइये।
शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंबहुत सरल शब्दों में पूरी बात समझाया है । धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपका हमारी मातृभाषा में लिखने पर तहदिल से धन्यवाद
जवाब देंहटाएंऐसा माना जाता है कि रसायन विज्ञान का विकास सर्वप्रथम मिस्र देश में हुआ था। प्राचीन काल में मिस्रवासी काँच, साबुन, रंग तथा अन्य रासायनिक पदार्थों के बनाने की विधियाँ जानते थे तथा इस काल में मिस्र को केमिया कहा जाता था।
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